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आरबीआई ने ई-मैंडेट फ्रेमवर्क में फास्टैग, एनसीएमसी ऑटो-रिप्लेनिशमेंट भुगतान को शामिल किया

22 अगस्त, 2024 08:14 PM IST

फास्टैग, एनसीएमसी भुगतानों को अब प्री-डेबिट अधिसूचना की आवश्यकता से छूट दी जाएगी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार, 22 अगस्त, 2024 को एक परिपत्र में घोषणा की है कि फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) में शेष राशि की स्वतः पुनःपूर्ति को ई-मैंडेट ढांचे के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।

ई-मैंडेट फ्रेमवर्क की स्थापना 2019 में ग्राहकों को उनके खातों में आने वाली डेबिट की जानकारी देकर उनकी सुरक्षा के लिए की गई थी। (विपिन कुमार/एचटी)
ई-मैंडेट फ्रेमवर्क की स्थापना 2019 में ग्राहकों को उनके खातों में आने वाली डेबिट की जानकारी देकर उनकी सुरक्षा के लिए की गई थी। (विपिन कुमार/एचटी)

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परिपत्र में कहा गया है, “यह निर्णय लिया गया है कि ई-मैन्डेट ढांचे के तहत, जब भी शेष राशि ग्राहक द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाती है, तो फास्टैग और एनसीएमसी की स्वतः पुनःपूर्ति को शामिल किया जाएगा।”

चूंकि स्वतः पुनःपूर्ति के लिए भुगतान आवर्ती प्रकृति के होते हैं, लेकिन उनकी कोई निश्चित आवधिकता नहीं होती, इसलिए उन्हें पूर्व-डेबिट अधिसूचना की आवश्यकता से छूट दी जाएगी।

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ई-मैन्डेट ढांचा क्या है?

ग्राहकों को उनके खातों में आगामी डेबिट की सूचना देकर उनकी सुरक्षा के लिए 2019 में ई-मैंडेट फ्रेमवर्क की स्थापना की गई थी।

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