नौकरी के बदले जमीन मामला: दिल्ली की अदालत ने लालू प्रसाद, तेजस्वी और तेज प्रताप यादव को समन भेजा
बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को तलब किया है।
तेजप्रताप लालू प्रसाद के परिवार के छठे सदस्य हैं, जिनका नाम इस मामले में आया है। लालू प्रसाद के अलावा अन्य सदस्यों में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पूर्व डिप्टी सीएम और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और बेटियां, लोकसभा सांसद मीसा भारती और हेमा यादव शामिल हैं।
अदालत ने कहा कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, शुरू में उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया गया था, लेकिन वे एके इंफोसिस लिमिटेड में निदेशक थे और अब उन्हें तलब किया गया है।
इन सभी को 7 अक्टूबर को अदालत में पेश होने को कहा गया है।
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जिन अन्य लोगों को तलब किया गया है, उनमें अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी शामिल हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंह को ईडी ने आरोपी बनाया था, जबकि उनकी पत्नी किरण पर शुरू में आरोप नहीं लगाया गया था।
राबड़ी देवी और अन्य आरोपियों मीसा, हीमा यादव और हृदयानंद चौधरी को इस साल 7 मार्च को ईडी मामले में नियमित जमानत दे दी गई थी, जबकि पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी को 4 अक्टूबर 2023 को अदालत ने जमानत दी थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 अगस्त को एक पूरक आरोप पत्र दायर किया, जिसमें 11 आरोपियों को लल्लन चौधरी, हजारी राय, धर्मेंद्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी, किशुन देव राय और संजय राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया।
उनमें से चार, लल्लन चौधरी, लाल बाबू राय, किशुन देव राय और सोनमतिया देवी की मृत्यु हो चुकी है और उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने समन को लेकर तेजस्वी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “वह बता रहे थे कि उन्होंने अदालत की अनुमति के बाद विदेश यात्रा की योजना बनाई थी और अब अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ समन जारी किया है। नवरात्रि के दौरान पेश होने के लिए समन जारी किया गया है।”
इस बीच, राजद नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा सम्मन यह मामला पूरक आरोपपत्र के आधार पर जारी किया गया था और यह कोई नई बात नहीं थी।
उन्होंने कहा, “इस देश में जिन एजेंसियों का इस्तेमाल भाजपा अपने उद्देश्यों के लिए करती है, वे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाती रहती हैं। यह एक राजनीतिक चाल है। जैसे-जैसे तेजस्वी यादव की राजनीतिक सक्रियता बढ़ती है, भाजपा और उसके सहयोगी सतर्क हो जाते हैं और इस पर ध्यान देते हैं।”
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