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कॉग्निजेंट ने सीएफओ जतिन दलाल के विप्रो के साथ मुकदमे को निपटाने के लिए 4 करोड़ का भुगतान किया: मुख्य बिंदु

जुलाई 09, 2024 08:19 PM IST

कॉग्निजेंट ने कहा कि विप्रो के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एसवीपी) मोहम्मद हक का विप्रो के साथ मुकदमा भी सुलझ गया है।

कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस ने कहा कि उसके मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जतिन दलाल विप्रो द्वारा दायर गैर-प्रतिस्पर्धा मुकदमे में समझौते पर पहुंच गए हैं। मुकदमे और संबंधित मध्यस्थता को निपटाने के लिए, कॉग्निजेंट ने जतिन दलाल को $505,087 का भुगतान किया है, कंपनी ने एक फाइलिंग में कहा, “समझौते की शर्तें, जो किसी भी पक्ष द्वारा दायित्व की किसी भी स्वीकृति के बिना की गई थीं, गोपनीय हैं। समझौता श्री दलाल और विप्रो के बीच सभी लंबित विवादों को हल करता है।”

कॉग्निजेंट के लोगो के सामने कंप्यूटर और स्मार्टफोन वाली मूर्तियाँ दिखाई दे रही हैं। (रॉयटर्स)
कॉग्निजेंट के लोगो के सामने कंप्यूटर और स्मार्टफोन वाली मूर्तियाँ दिखाई दे रही हैं। (रॉयटर्स)

कॉग्निजेंट ने कहा कि विप्रो के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एसवीपी) मोहम्मद हक का विप्रो के साथ मुकदमा भी सुलझ गया है।

इस पर जतिन दलाल ने कहा, “मैं विप्रो के साथ अपनी यात्रा के लिए आभारी हूं और मुझे खुशी है कि यह मामला मेरे पीछे रह गया है। मैं अपने ग्राहकों, कर्मचारियों और शेयरधारकों को मूल्य प्रदान करते हुए कॉग्निजेंट के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं।”

विप्रो के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सौरभ गोविल ने कहा कि कंपनी इस मामले को सुलझाकर खुश है। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि हमारे अनुबंध संबंधी अधिकारों की रक्षा करते हुए इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है। हम जतिन को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”

विप्रो ने अपने पूर्व सीएफओ जतिन दलाल पर मुकदमा क्यों किया?

पिछले साल नवंबर में विप्रो ने जतिन दलाल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने आखिरी कार्य दिवस के 12 महीने के भीतर कॉग्निजेंट में शामिल होकर अपने रोजगार अनुबंध में गैर-प्रतिस्पर्धा खंड का उल्लंघन किया है। इसके बाद जतिन दलाल ने अदालत से मामले को मध्यस्थता के लिए भेजने का अनुरोध किया। इसके बाद 3 जनवरी को हुई सुनवाई में बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट ने इसे मध्यस्थता के लिए भेज दिया।

विप्रो ने तब कहा था कि यह मुकदमा व्यक्तिगत नहीं है और न ही कंपनी के संविदात्मक दायित्वों से निपटने के तरीके को लक्षित करके किया गया है।

जतिन दलाल ने 2015 में विप्रो में सीएफओ की भूमिका संभाली थी- जिससे उन्हें कंपनी के संचालन से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारी मिली। इसके चलते, विप्रो ने मुकदमे में जतिन दलाल पर कॉग्निजेंट के साथ कंपनी से जुड़ी ऐसी कोई भी संवेदनशील जानकारी साझा करने पर स्थायी रोक लगाने की मांग की, जहां वे 1 दिसंबर से सीएफओ के रूप में शामिल हुए थे।


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