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झारखंड आबकारी पुलिस भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण के दौरान 9 की मौत

अधिकारियों ने बताया कि झारखंड आबकारी पुलिस भर्ती के लिए 22 अगस्त से राज्य के विभिन्न हिस्सों में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान कम से कम नौ अभ्यर्थियों की मौत हो गई है।

झारखंड आबकारी पुलिस में 583 पदों के लिए हुई भर्ती में 5 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
झारखंड आबकारी पुलिस में 583 पदों के लिए हुई भर्ती में 5 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पलामू में चार, पदमा (हजारीबाग) में दो तथा गिरिडीह, साहिबगंज और मुसाबनी में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।

583 पदों के लिए हुई भर्ती में 5 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “राज्य भर में सात जगहें हैं, जहां 5 लाख से ज़्यादा उम्मीदवारों के लिए शारीरिक परीक्षण किया जा रहा है। इन जगहों में स्मार्टी सिटी एरिया (धुर्वा, रांची), झारखंड जगुआर कैंप (टेंडर विलेज, रातू रांची), पुलिस लाइन (गिरिडीह), जेएपीटीसी (पद्मा, हज़ारीबाग), चियांकी एयरपोर्ट (पलामू), सीटीसी स्वासपुर (मुसाबनी, पूर्वी सिंहभूम), जेएपी-9 कैंपस (साहिबगंज) शामिल हैं। ज़्यादातर जगहों से मौत की ख़बरें हैं। पलामू में अब तक सबसे ज़्यादा चार लोगों की मौत हुई है।”

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक मारे गए सभी लोग पुरुष हैं और यह घटना 10 किलोमीटर की दौड़ के दौरान हुई, जिसके लिए 60 मिनट का समय दिया गया था।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “शनिवार को गिरिडीह के हीरोडीह थाना क्षेत्र के मनिकाबांध गांव के अभ्यर्थी सूरज वर्मा (27) की पदमा में दौड़ परीक्षा के दौरान मौत हो गई। उन्होंने सुबह 6.45 बजे 10 किलोमीटर की दौड़ शुरू की और निर्धारित 60 मिनट में इसे पूरा किया। दौड़ पूरी करने के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। वहां मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और हजारीबाग सदर अस्पताल भेज दिया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पदमा की यह दूसरी मौत थी। इससे पहले 23 अगस्त को मांडू के अभ्यर्थी महेश प्रसाद मेहता की मौत हो गई थी। पलामू से भी ऐसी मौत की खबरें आई हैं, जहां अलग-अलग दिनों में चार लोगों की मौत हो गई। साहिबगंज, गिरिडीह और मुसाबनी में भी ऐसी ही मौतें हुई हैं।”

साहिबगंज के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “रांची के विकास लिंडा (22) की शनिवार रात साहिबगंज में मौत हो गई। वह दौड़ते समय बेहोश हो गया था। उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रात में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस संबंध में जिरवाबाड़ी थाने में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।”

पलामू के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “गुरुवार को जिस अभ्यर्थी की मौत हुई उसका नाम अभिषेक कुमार है। वह बिहार के गया के बरेला थाना क्षेत्र का रहने वाला था। मृतक अभ्यर्थी का पोस्टमार्टम शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में हुआ। उसी दिन यहां से रिम्स रेफर किए गए एक अन्य अभ्यर्थी की भी मौत हो गई। वह रांची के ओरमांझी का रहने वाला अजय कुमार महतो था।”

पलामू के सिविल सर्जन (सीएस) अनिल कुमार सिंह ने इस तथ्य की पुष्टि की, लेकिन मौत के पीछे के कारण को स्पष्ट करने में कोई निर्णायक बयान देने में असमर्थता व्यक्त की।

सिंह ने कहा, “शव परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है, लेकिन प्राथमिक कारण निर्जलीकरण या कुछ दवाओं का सेवन या शराब की लत है, जिससे आंतरिक कमज़ोरी होती है। पलामू में बेहोश हुए ज़्यादातर लोगों का इलाज मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुआ।”

राज्य पुलिस प्रवक्ता और आईजी (ऑपरेशन) एवी होमकर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच चल रही है।

होमकर ने कहा, “जांच शुरू हो गई है। केवल एक डॉक्टर ही मौत के पीछे की सही वजह बता सकता है। हमने अपने स्तर पर सभी एहतियाती कदम उठाए हैं ताकि उम्मीदवारों को कोई परेशानी न हो। पानी, मेडिकल टीम, वॉशरूम और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। उम्मीदवारों को गर्मी के कारण परेशानी न हो, इसके लिए फिजिकल टेस्ट का समय सुबह रखा गया था। आज से फिजिकल टेस्ट का समय भी बदल दिया गया है। अब यह सुबह 4 बजे शुरू होगा।”

महेश के पिता मित्रलाल महतो ने मीडिया से कहा कि यदि उनके बेटे को समय पर चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती तो उसकी मौत नहीं होती।

उन्होंने कहा, “मेरे बेटे की मौत इलाज में देरी के कारण हुई। वह विज्ञान स्नातक था और उसके पास आईटीआई की डिग्री थी। जब उसे कोई नौकरी नहीं मिली तो उसे कांस्टेबल की नौकरी के लिए शारीरिक परीक्षा देनी पड़ी।”

झारखंड छात्र संघ से जुड़े छात्र नेता और मुसाबनी में दौड़ पूरी करने वाले आबकारी सिपाही अभ्यर्थी योगेश चंद्र भारती कहते हैं, “कई अभ्यर्थियों को शारीरिक परीक्षण की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने के कारण मौतें हो रही हैं। आबकारी सिपाही भर्ती के लिए अधिसूचना आठ अगस्त को जारी हुई थी। हमें 22 अगस्त से होने वाली शारीरिक परीक्षा के लिए 14 अगस्त को एडमिट कार्ड मिले। 15 दिनों के सीमित समय में कई अभ्यर्थी ठीक से तैयारी नहीं कर पाए। उन्होंने अपनी इच्छा शक्ति के कारण दौड़ तो पूरी कर ली, लेकिन उनके फेफड़ों ने उनका साथ नहीं दिया। दौड़ के दौरान फेफड़ों की ऑक्सीजन क्षमता कम होने के कारण कई अभ्यर्थी बेहोश हो गए।”

भारती ने कहा: “महिलाएं सीमित संख्या में बेहोश हुईं क्योंकि उनके दौड़ने का समय सुबह 6 बजे से था जबकि पुरुषों के दौड़ने का समय सुबह 7 बजे से था। महिलाओं को 30 मिनट में केवल 5 किमी दौड़ना था जबकि पुरुषों को 60 मिनट में 10 किमी दौड़ना था।”


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