‘मोदी भारत की धर्मनिरपेक्ष एकता को नष्ट करना चाहते हैं’: सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम | ताज़ा ख़बरें भारत

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीएम) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद सलीम ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। बाद में उनकी ‘घुसपैठिया’ टिप्पणी अपनी एक लोकसभा चुनाव रैली में।
हिंदुस्तान टाइम्स की कुमकुम चड्ढा के साथ एक साक्षात्कार में, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से आगामी चुनाव लड़ रहे सलीम ने कहा कि प्रधानमंत्री अल्पसंख्यकों को ‘डी-वोटर’ में बदल रहे हैं, उन्हें घुसपैठियों के बराबर बता रहे हैं और उन्हें हिरासत शिविरों में भेज रहे हैं।

‘पीएम मोदी की घुसपैठिया टिप्पणी अनुचित’
प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए सलीम ने कहा, “यदि आप (मोदी) किसी पद पर हैं, तो आपको उसके प्रति निष्पक्ष रहना चाहिए। हम जानते हैं कि यह पूरी तरह से आरएसएस का अभियान है। आप धर्म के आधार पर आबादी को कैसे बांट सकते हैं और एक वर्ग को कलंकित कर सकते हैं?”
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66 वर्षीय मार्क्सवादी राजनेता ने कहा, “पहले उन्होंने (बीजेपी) अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से शुरुआत की, फिर घुसपैठियों से, फिर रोहिंग्या और जिहादियों से। अब प्रधानमंत्री सिर्फ़ कलंक लगा रहे हैं। उन्हें नहीं पता कि इसका क्या नतीजा होगा।”
सीपीएम नेता ने कहा, “यह हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य पर सीधा हमला है। आरएसएस की संस्कृति एक राष्ट्र, एक धर्म, एक संस्कृति, एक पार्टी और एक नेता की है। यह फासीवाद है।”
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प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी के पीछे क्या खतरा है?
सलीम ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ‘मुश्किल स्थिति’ में हैं। “वही प्रधानमंत्री जो विकास की बात करते थे, वे उन सभी मुद्दों को कैसे भूल गए? अब वे हिंदू, मुस्लिम, मंदिर और मस्जिद, घुसपैठियों की बात कर रहे हैं।”
सलीम ने कहा, “इसका नतीजा यह है कि आप (मोदी) आबादी को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। आप देश को लूट रहे हैं और देश की संपत्ति बेच रहे हैं।”
सीपीएम नेता ने कहा कि भारत ब्लॉक के गठन के साथ ही पूरा देश ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य को पुनः प्राप्त करने’ के लिए एकजुट है। उन्होंने मोदी पर धर्मनिरपेक्ष एकता को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “हम मणिपुर में इसका नतीजा देख रहे हैं, जहां नगा और कुकी एक साथ रहते थे। राज्य में डबल इंजन सरकार के कारण लोग एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।”
सलीम ने कहा, “न तो राज्य गृह विभाग और न ही केंद्रीय गृह मंत्रालय दंगों को रोकने में सक्षम है।”
मोदी पर हमला जारी रखते हुए मोहम्मद सलीम ने कहा, “वह अभी भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं। वह इस समय प्रचारक नहीं हैं। उन्होंने जाति, भाषा के आधार पर लोगों के बीच भेदभाव न करने की शपथ ली है, तो वह ऐसा क्यों कर रहे हैं?”
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को यह देखना चाहिए कि बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक, हिंदू या मुस्लिम, ईसाई या सिख, सभी उनके लिए समान हैं।’’
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